कभी अर्श पर कभी फर्श पर,
कभी उनके दर कभी दर बदर,
गमे आशिकी तेरा शुक्रिया,
मैं कहा कहा से गुजर गया।।
Kabhi Arsh Par Kabhi Farsh Par,
Kabhi Unke Dar Kabhi Dar Badar,
Game Aashiqi Tera Shukriya,
Main Kaha Kaha Se Gujar Gaya..
दुनिया की महफिलों से उकता गया हूं यारो,
क्या लुफ्त अंजुमन का जब दिल ही बुझ गया हो।।
Duniya Ki Mahfilo Se Ukta Gaya Hu Yaaro,
Kya Luft Anjuman Ka Jab Dil Hi Bhujh Gaya Ho..
ओ जो गीत तुमने सुना नही,
मेरी उमर भर का रियाज था,
मेरे दर्द की थी ओ दास्ता,
जिसे तुम हसी में उड़ा गए।।
O Jo Geet Tumne Suna Nahi,
Meri Umar Bhar Ka Riyaz Tha,
Mere Dard Ki Thi O Dasta,
Jise Tum Hansi Me Uda Gai..
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